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Showing posts from May 8, 2025

डॉ दिनेश जी जांगिड 'सारंग' द्वारा लिखित

डॉ दिनेश जी जांगिड  'सारंग' द्वारा लिखित "गजल"    मां ने नजर उतारी देख । डॉ दिनेश जांगिड 'सारंग' पहले अपनी पारी देख फिर लोगों की बारी देख । बहा पसीना थोड़ा पहले फिर फूलों की क्यारी देख। काम नहीं बन पाता फिर तो नजरें कर के न्यारी देख । करनी तुमको पार अगर तो दिक्कत है वो सारी देख । गर पाना आनंद सफर का जोड़ी अपनी प्यारी देख । आना जाना खोना पाना जीवन की राह जारी देंख बाजारों का जोखिम भारी नौकरी ले सरकारी देख । क्यों भागे नोटों के पीछे खुश अपनी कलदारी देख। उसको कैसे नजर लगेगी मां ने नजर उतारी देख । साथ निभाना सीख ले पहले फिर 'सारंग' की यारी देख ।

ऑपरेशन सिंदूर — कवि दलीचंद जी जांगिड़ द्वारा

  ऑपरेशन सिंदूर  कवि दलीचंद जी जांगिड़ द्वारा जब बोला सिंह सिंहासन से, "अब नहीं सहेगा भारत अपमान!" आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने ललकारा, दुश्मन को सिखा दिया हिंदुस्तान! सरहद पार जो साजिशें रचते, अब उनकी रग-रग पहचान ली। ना समझे जो शांति की भाषा, उन पर फिर आग बरसानी थी। सेना ने जब मिसाइल दागी, नौ आतंकी ठिकाने तबाह हुए। धूल में मिला दहशत का हर गढ़, सौ से ज्यादा आतंकी ख़ाक हुए। हर फौजी के सीने में ज्वाला थी, हर हाथ में बिजली की चाल थी। ऑपरेशन 'सिंदूर' बना वो बाण, जिसमें दुश्मन की मौत सवाल थी। पाकिस्तान को मिल गया जवाब, जिसे वो पीढ़ियों तक नहीं भूलेगा। हर कदम पर हिंद का शौर्य, अब दुनिया के नक्शे पर झूलेगा। सिंदूर बना प्रतीक शौर्य का, नारी के माथे से रणभूमि तक। जहाँ मोदी का संकल्प था साथ, और सेना का साहस था निडर। जय हिन्द की गूंज हुई दिशाओं में, हर हिन्दुस्तानी का माथा ऊँचा। दलीचंद जांगिड़ गर्व से कहे, "वीरों ने रच दिया गौरव-गाथा! "

भारत एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है.

  भारत एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है ..आज याद आई कविराज अट्टल बिहारी जी की. भारत कोई भूमि का टूकड़ा नहीं है, यह जीता जागता राष्ट्र पुरुष है। अट्टल जी ने कहा था. ये वंदन की धरती है, अभिनंदन की धरती है।यह अर्पण की भुमि है, ये तर्पण की भुमि है। इसकी नदी नदी हमारे लिए गंगा है, इसका कंकड़ कंकड़ हमारे लिए शंकर है। हम जीएंगे तो भारत के लिए, मरेंगे तो भी भारत के लिए जय जवान, जय किसान और अब जय विज्ञान  भारत माता की जय हो.. दलीचंद जांगिड सातारा