ऑपरेशन सिंदूर कवि दलीचंद जी जांगिड़ द्वारा
जब बोला सिंह सिंहासन से,
"अब नहीं सहेगा भारत अपमान!"
आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने ललकारा,
दुश्मन को सिखा दिया हिंदुस्तान!
सरहद पार जो साजिशें रचते,
अब उनकी रग-रग पहचान ली।
ना समझे जो शांति की भाषा,
उन पर फिर आग बरसानी थी।
सेना ने जब मिसाइल दागी,
नौ आतंकी ठिकाने तबाह हुए।
धूल में मिला दहशत का हर गढ़,
सौ से ज्यादा आतंकी ख़ाक हुए।
हर फौजी के सीने में ज्वाला थी,
हर हाथ में बिजली की चाल थी।
ऑपरेशन 'सिंदूर' बना वो बाण,
जिसमें दुश्मन की मौत सवाल थी।
पाकिस्तान को मिल गया जवाब,
जिसे वो पीढ़ियों तक नहीं भूलेगा।
हर कदम पर हिंद का शौर्य,
अब दुनिया के नक्शे पर झूलेगा।
सिंदूर बना प्रतीक शौर्य का,
नारी के माथे से रणभूमि तक।
जहाँ मोदी का संकल्प था साथ,
और सेना का साहस था निडर।
जय हिन्द की गूंज हुई दिशाओं में,
हर हिन्दुस्तानी का माथा ऊँचा।
दलीचंद जांगिड़ गर्व से कहे,
"वीरों ने रच दिया गौरव-गाथा!"
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