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रक्तदान एक प्रकार से समाज सेवा ही हैं....

 



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रक्तदान एक प्रकार से समाज सेवा ही हैं....


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     रक्त दान यह है महादान
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दुखीयो ने सुखीया करे,
देवे सबने जीवन दान
रख भावना परोपकार की
भला करे विश्वकर्मा भगवान

इसी दया भाव से प्रभावित होकर हमको "एक बर्ष में एक बार" रक्तदान जरुर करना चाहिए। रक्तदान से समाज के अन्दर एक समाज सेवा के साथ साथ ओरों की भावना भी जागृत होती ही है और साथ ही समाज के अन्दर एक प्रेम भावना का मोहल तैयार होकर एक सकारात्मक संदेश भी समाज में जाता है। जो एक सभ्य समाज के लिए उचित कार्य ही है। साथ में रक्त की कमी वाले पेसेंट को हाँस्पीटल में भर्ती करने पर आपके "ब्लेड डाँनट" से किसी की जान बचाई जा सकती है, यही तो मुख्य उद्देश्य है इस रक्तदान करने वाले समाज के युवाओं का होता है, जो समाज सेवा का ही एक भाग है। सेवा के साथ-साथ समाज में एक सकारात्मक विचारों का परिवर्तन भी लाता है। 


रक्त की आवश्यकता कहा पर व किसको  पड़ती है....?


"" "" "" "किसी मनुष्य के शरीर में रक्त बनने की धीमी गति से रक्त की कमी हो जाती है या फिर रक्त बनने की प्रक्रिया किसी के शरीर में उत्पन्न हुए दोषों के कारण रुक जाती है तब रक्त की कमी हो जाती है, ऐसे हालात में भी डाँक्टर बाहरी रक्त शरीर में चढ़ाने की सलाह देते है। मोटर अपघात  (ऐक्सीडेंट) के समय मनुष्य के शरीर से रक्त बहकर जाने पर शरीर में रक्त की कमी होने पर उस मरीज को बचाने हेतू बाहरी रक्त की जरूरत होती है तभी उस मरीज़ की जान बचाई जा  सकती है वरना ऐसे हालत में उस मरीज़ की मौत भी हो सकती है तब भी दो चार बोतल बाहरी रक्त देना पडता है। और स्त्रियों के डिलेवरी के पहले शरीर में कमजोरी के चलते भी ऐक्स्ट्रा ब्लड की आवश्यकता होती है और डिलेवरी के समय में भी किसी कारण वश सिजरींग भी करनी पड़ती है तब भी ऐक्स्ट्रा ब्लड देने की जरुरत पड़ती है तब भी डाँक्टर बाहरी रक्त की सलाह देते है। अतिरिक्त रक्त देने की जरूरत शरीर के हर आँपरेशन ( हर आँपन सर्जरी में ) में पड़ती है। इस समय आपका डाँनेट किया हुआ ब्लड से किसी की जान बच सकती है, इससे बड़ा पूण्य का ओर क्या काम हो सकता है....? यही तो दुखीयों को सुखायां करने का परोपकार कार्य है। रक्तदान यह 18 बर्ष की आयू से 50 बर्ष तक के निरोगी शरीर वाले व्यक्ति ने करना चाहिए। जिसका वजन ओसतन 50 किलो से 80 किलो तक होना चाहिए। 
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जय श्री ब्रह्म ऋषि अंगिरा जी
वैचारिक क्रांति चरित्र निर्माण सकारात्मकता का महाअभियान के लेखक...⬇️

लेखक दलीचंद जांगिड सातारा महाराष्ट्र
मोबाइल 9421215933
रक्तदान एक प्रकार से समाज सेवा ही हैं..


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