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**चेन्नई**: श्री जांगिड़ ब्राह्मण समाज चेन्नई सभी समाज बंधुओं का अभिनंदन करता है और संगठन के नियमों के पालन की अपील करता है। इस समूह के तहत सभी सदस्यों को एकजुट होकर चलने और आपसी तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता है। हाल में, समाज में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण हो गया है।
समाज के प्रमुख सदस्यों ने समूह के नियमों का पुनरावलोकन किया है जिससे सभी सदस्यों को स्पष्टता मिल सके। समूह में जुड़ने वाले सदस्यों से अनुरोध किया गया है कि वे निम्नलिखित नियमों का पालन करें:
1. **लिंक वाले मैसेज भेजने पर प्रतिबंध**: सदस्यों को आग्रह किया गया है कि वे समूह में किसी भी प्रकार के लिंक वाले मैसेज न भेजें ताकि समूह का उद्देश्य और संप्रेषण साफ-सुथरा बना रहे।
2. **राजनीतिक पोस्ट से दूर रहें**: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समूह का उद्देश्य केवल समाज के विकास और सशक्तिकरण पर केंद्रित रहे, न कि राजनीतिक विमर्श पर।
3. **व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचें**: सदस्यों के बीच आपसी सम्मान बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि कोई भी सदस्य दूसरे के प्रति व्यक्तिगत टिप्पणियाँ न करें।
4. **समाज में सब बराबर हैं**: यह सिद्धांत समाज की एकता और भाईचारे का प्रतीक है, जिसे सभी सदस्यों को मान्यता देनी चाहिए।
5. **उदाहरण के लिए अनुशासन**: नियमों का पालन न करने वाले सदस्यों को समूह से हटाया जा सकता है, ताकि अनुशासन बना रहे।
6. **अनुशासन बनाए रखना**: समूह में सदस्यों द्वारा अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि सभी को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिल सके।
7. **विशेष दिन की बधाई**: समूह में विशेष अवसरों पर बधाई संदेशों का स्वागत किया जाता है, जो समाज की एकजुटता को प्रदर्शित करता है।
8. **समाज से जुड़े संदेशों का स्वागत**: समाज से संबंधित कोई भी जानकारी, समाचार या संदेश साझा करने के लिए सदस्यों को प्रेरित किया जाता है।
समाज के एक प्रमुख सदस्य, श्री हीरालाल जांगिड़ ने कहा, "हमारा समाज एकजुटता और अनुशासन में अपनी शक्ति देखता है। यदि हम सभी मिलकर इन नियमों का पालन करें, तो हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को सुरक्षित रख सकेंगे।"
इस प्रकार, श्री जांगिड़ ब्राह्मण समाज चेन्नई ने सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि वे इन नियमों को अपनाएँ और समाज के उत्थान में योगदान दें। यह केवल एक समूह नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हमें मिलकर इस पहचान को बनाए रखना है।
समाज का हर सदस्य इस बात को समझता है कि उनकी एकता ही उनकी ताकत है। जब हम एकजुट होते हैं, तभी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और अपने समाज को आगे बढ़ा सकते हैं। अत: आइए हम सभी मिलकर श्री जांगिड़ ब्राह्मण समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें और आगे बढ़ें।
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