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रक्तदान एक प्रकार से समाज सेवा ही हैं....

  1 रक्तदान एक प्रकार से समाज सेवा ही हैं... . ====================      रक्त दान यह है महादान *************************** दुखीयो ने सुखीया करे, देवे सबने जीवन दान रख भावना परोपकार की भला करे विश्वकर्मा भगवान इसी दया भाव से प्रभावित होकर हमको "एक बर्ष में एक बार" रक्तदान जरुर करना चाहिए। रक्तदान से समाज के अन्दर एक समाज सेवा के साथ साथ ओरों की भावना भी जागृत होती ही है और साथ ही समाज के अन्दर एक प्रेम भावना का मोहल तैयार होकर एक सकारात्मक संदेश भी समाज में जाता है। जो एक सभ्य समाज के लिए उचित कार्य ही है। साथ में रक्त की कमी वाले पेसेंट को हाँस्पीटल में भर्ती करने पर आपके "ब्लेड डाँनट" से किसी की जान बचाई जा सकती है, यही तो मुख्य उद्देश्य है इस रक्तदान करने वाले समाज के युवाओं का होता है, जो समाज सेवा का ही एक भाग है। सेवा के साथ-साथ समाज में एक सकारात्मक विचारों का परिवर्तन भी लाता है।  रक्त की आवश्यकता कहा पर व किसको  पड़ती है....? "" "" "" "किसी मनुष्य के शरीर में रक्त बनने की धीमी गति से रक्त की कमी हो जाती है या फिर रक्त बनने ...

माताजी का भजन

Kavi dalichand ji satara       माताजी का भजन =================== मैया जी के मंदिर को मैंने फूलों से सजाया है मैया मेरी चली आओ मैंने आपको बुलाया है मैया तू ही अम्बे है मैया तू ही काली मैया जगदम्बे है तूने जगत रचाया है मैया जी के मंदिर को मैंने फूलों से सजाया है हो मैया जी के मंदिर को..... मैया तू यमुना है मैया तू सरयु है मैया तू गंगा है पाप जग का मिटाया है मैया जी के मंदिर को मैंने फूलों से सजाया है हो मैया जी के मंदिर को.....  राम तेरा अपना है श्याम अपना तेरा है माँ धन्य तेरा आचंल है बड़ा प्यार लुटाया है मैया जी के मंदिर को मैंने फूलों से सजाया है हो मैया जी के मंदिर को.....  मैया तू जननी है तेरे  कदमो में जन्नत है  जो रहे तेरी पूजा में भव सागर तराया है मैया जी के मंदिर को मैंने फूलों से सजाया है मैया मेरी चली आओ मैंने आपको बुलाया है।।  *===================* सिंग स्वारी चढ आना भक्तों की लाज रखना माताजी चरणम् गच्छामि.....  *जय श्री विश्वकर्मा जी की* प्रार्थना कर्ता = दलीचंद जांगिड़ सातारा महाराष्ट्र  मोबाइल 9421215933