विश्वकर्मा जी का पाठ करने की विधि:
1. तैयारी:
- स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान साफ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विश्वकर्मा जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, अक्षत, रोली, पान-सुपारी, मिठाई, नारियल आदि सामग्री तैयार रखें।
2. पूजन विधि:
- शुद्धिकरण: अपने ऊपर थोड़ा जल छिड़कें और स्थान का शुद्धिकरण करें।
- संकल्प: हाथ में फूल और चावल लेकर संकल्प लें कि आप विश्वकर्मा जी का पूजन कर रहे हैं।
- दीप-धूप अर्पण करें।
- फूल और चावल अर्पित करें।
- विश्वकर्मा जी के मंत्र का जप करें।
3. पाठ या मंत्र:
विश्वकर्मा जी की स्तुति (सरल पाठ):
ॐ आधार शक्तपे नमः।
ॐ कूमयि नमः।
ॐ अनन्तम नमः।
ॐ पृथिव्यै नमः।
विश्वकर्मा नमस्तुभ्यं विश्वस्य सृष्टिकर्तक।
त्वया बिना जगत्सर्वं संपूर्णं नैव जायते॥
विश्वकर्मा देवाय नमः।
या आप नीचे का संक्षिप्त पाठ भी कर सकते हैं:
हे विश्वकर्मा भगवान, सृष्टि के रचयिता,
आपकी कृपा से हमारा कार्य सफल हो।
हमें सद्बुद्धि और कुशलता प्रदान करें।
हमारे औजार, मशीनें, और कार्यस्थल सदा शुभ फल दें।
4. आरती:
विश्वकर्मा जी की आरती करें
5. प्रसाद वितरण और समापन:
- अंत में सबको प्रसाद बाँटें।
- पूजा के बाद अपने कार्य की शुरुआत करें या अपनी मशीनरी/उपकरणों को छूकर प्रणाम करें।
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